
Supporting Farmers With Authentic and Actionable Knowledge based Services Like Rain Alert, Wind Alert, Mandi Rates and Sustainable Agricultural Practices.
Kisan Sanchar is incorporated u/s 25 of Indian Companies Act 1956 now section 8 of Indian Company Act 2013 on 15th March 2020 vide License Number 101993 dated 15th March 2012.
Kisan Academy
विद्या, विवेक और अभ्यास से विकास
Kisan Academy is a learning platform for farmers, artisans, innovators, traditional knowledge holders, knowledge seekers and upcoming entrepreneurs to learn from the achievers and excelsior’s of their respective fields.
Kisan Academy has Up-to-date classroom and equipped with modern aids of learning. It has sitting capacity of 35 interns and residential accommodation for 35 interns. It has a good library and a computer lab with 18 computers so that interns have freedom to search and download the required information.
Upcoming Programs at Kisan Academy
यदि आप किसान कम्पनी के सदस्य / डायरेक्टर हैं या आप किसी किसान कम्पनी का सदस्य बनने की सोच रहे हैं और आपको अभी यह नहीं पता है कि किसान कम्पनी को कैसे आगे बढ़ाया एवं चलाया जाता है तो आप किसान अकादमी द्वारा विशेष रूप से बनाये गए तीन दिवसीय किसान प्रोड्यूसर कम्पनी (FPO) प्रबंधन प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग ले सकते हैं यह कार्यक्रम किसान अकादमी जीरकपुर मोहाली पंजाब भारत में आयोजित किया जाएगाI
इस कार्यक्रम में भाग लेने हेतु आपको तीन दिवस तक यहाँ रहकर पूर्ण मनोयोग से विभिन गतिविधियों में भाग लेना पड़ेगा तभी आप इस विषय की गंभीरता को समझ पाएंगेI
इस कार्यक्रम में निम्नलिखित विषय कवर किये जायेंगेI
क्रमांक | विषय |
1 | किसान कम्पनी क्या होती है इसका गठन करके क्या हासिल किया जा सकता है ? |
2 | किसे किसान कम्पनी का सदस्य बनना चाहिए और किसे नहीं बनना चाहिए ? |
3 | किसान कम्पनी का गठन कैसे किया जाता है |
4 | सदस्य किसानों को किसान कम्पनी से क्या लाभ हो सकते हैं? |
5 | किसान कम्पनी में नए मेम्बर बनाने के लिए उन्हें क्या बताया जा सकता है? |
6 | किसान कम्पनी को पहले तीन साल और फिर अगले पांच साल कैसे चलाया जाना चाहिए? |
7 | शेयर क्या होते हैं और इनका प्रबंधन कैसे किया जा सकता है ? |
8 | बड़ी पूँजी एकत्र करने के क्या क्या तरीके हो सकते हैं ? |
9 | किसान कम्पनी में ऐसी व्यवस्था कैसे विकसित की जाए कि वो अपने आप चले? |
10 | किसान कम्पनी से आर्थिक सुरक्षा एवं सामाजिक सुरक्षा के लक्ष्य को कैसे प्राप्त किया जा सकता है ? |
11 | ऐसे कौन कौन से बिजनेस हैं जिन्हें किसान कम्पनी में बड़े आराम से किया जा सकता है ? |
12 | बिजेनस प्लान कैसे विकसित किया जाता है और से सदस्य किसानों के आर्थिक सहयोग से कैसे कामयाब किया जा सकता है |
13 | किसान कम्पनी की सालाना रिटर्न्स कौन कौन सी होती है और उन्हें कैसे भरवाया जा सकता है ? |
14 | किसान कम्पनी से होने वाले लाभ को सदस्य किसानों में कैसे वितरित किया जा सकता है ? |
15 | किसान कम्पनियों के बारे में ऐसी कौन कौन कौन सी गलतियाँ हैं जिनसे सीखा जा सकता है? |
किसान अकादमी को किसान संचार संस्था के द्वारा गुरुकुल के सिद्दांत पर बनाया गया है इसमें रहकर प्रशिक्षण प्राप्त करने रहने खाने का कोई शुल्क नहीं है आप यदि चाहें तो पांच सौ रुपये प्रति दिन के हिसाब से सहयोग करके किसान अकादमी को चलते रहने में मदद कर सकते हैं
इच्छुक किसान साथी नीचे दिए गए गूगल फॉर्म के लिंक पर क्लिक करके पंजीकरण कर सकते हैं बीस प्रतिभागियों का बैच पूरा होने पर आपको एक हफ्ते पहले अग्रिम सूचना भेज कर प्रशिक्षण हेतु आमंत्रित किया जायेगा
आज देश भर में फसली कीटों के बारे में बेतहाशा डर फैला हुआ है,देश के किसी भी किसान से यदि यह पूछा जाए कि आप दस कीटों के नाम बता दो तो बड़ी मुश्किल से किसान छह या सात कीटों के नाम ही बता सकता है। जबकि एक खेत में साल भर में लगभग 150 किस्म के कीटों का आना जाना होता है। किसान को कीटों की पहचान ना होने की वजह से ही उसे कीटों से डर लगता है और वो कभी भी आत्मविश्वास से अपने फैंसले नहीं ले पाता है।
हरियाणा के लाल स्वर्गीय डॉ सुरेन्द्र दलाल जी ने अपने जीवन में अपनी लग्न से कीटों का अध्यन करना शुरू किया तो वे एक लम्बे शोध के बाद इस निष्कर्ष पर पहुंचे कि पौधों और कीटों में गहरा सम्बन्ध है। कीटों के बिना पौधों का अस्तित्व ही संभव नहीं है। प्रकृति ने कीटों को कीटों की मदद से ही काबू किया हुआ है हम अपनी अज्ञानतावश ही पौधों और कीटों के मध्य चल रही गतिविधियों को डिस्टर्ब करते हैं जिसकी वजह से आज खेती को जहर के भरोसे भी डर डर के करना पड़ रहा है।
डॉ सुरेन्द्र दलाल जी ने जींद जिले के निडाना, इग्राह और अन्य कुछ गाँवों में किसानों के साथ मिलकर एक कीट साक्षरता कार्यक्रम चलाया जिससे कीटों के बारे में एक जागरूकता बनी और किसानों को कीटों से डर लगना बंद हो गया। 19 मई 2013 को डॉ सुरेन्द्र दलाल जी के असमय निधन से इस शोध कार्यक्रम को बहुत आघात पहुंचा और उनके कई शिष्य इस कार्यक्रम को अपने अपने संसाधनों से आगे बढ़ा रहे है।
3 Days – Keet Commando Basic Course
इग्राह जींद हरियाणा निवासी किसानाचार्य मनबीर रेढू जी, जो डॉ सुरेन्द्र दलाल जी के सानिध्य में किसान शोधार्थी की भूमिका में काम करते रहे हैं, की अगुवाई और मार्गदर्शन में डॉ सुरेन्द्र दलाल जी के स्वपन कीट कमांडो तैयार करने के उद्देश्य से किसान अकादमी जीरकपुर मोहाली ने तीन दिवसीय रेजिडेंशियल कीट कमांडो कोर्स के लिए पंजीकरण की शुरुआत की है। इस कोर्स के तहत प्रतिभागियों के मन में से कीटों का डर सदा के लिए निकल जाएगा और वे अपने इस अर्जित ज्ञान के उपयोग से अपनी खेती के कार्य को ज्यादा आत्मविश्वास से कर पाएंगे और निश्चित तौर पर बाहरी संसाधनों पर उनकी निर्भरता घटने से खेती में आर्थिक लाभ होगा।
इस कोर्स की विषयवस्तु एवं रूप रेखा इस प्रकार है :
क्रमांक | विषय |
1 | पौधों और कीटों में गहरे सम्बन्ध की सीधी सच्ची और साफ़ समझ। |
2 | कीटों की पहचान और उनके आपसी व्यहार तालमेल की समझ। |
3 | ईको सिस्टम सर्विसेज क्या होती है और इनका खेती में उपयोग कैसे किया जा सकता है ? |
4 | कीटों के नियंत्रण हेतु ईको सिस्टम सर्विसेज का सदुपयोग कैसे किया जाए? |
5 | कीटों के हैबिटैट (निवास स्थान), आदतों , तौरतरीकों और अनुशासन की समझ । |
6 | कीट ज्ञान से जहर मुक्त अन्न फल सब्जी की मार्केटिंग करके अपने आप को समाज में कैसे प्रतिष्ठा से स्थापित किया जाए? |
7 | कीट ज्ञान में शोध के नए विषय क्या हैं और शोध को कैसे जारी रखा जाये ? |
8 | खेती किसानी में हनी बी नेटवर्क ज्ञान तंत्र का निर्माण कैसे किया जाए और उससे कैसे जुडा जाए और परम्परागत ज्ञान का उपयोग करके आर्थिक संसाधनों का निर्माण कैसे किया जाए ? |
9 | कीट कमांडो के कर्तव्यों की समझ और इस दायित्व का निर्वहन कैसे किया जाए ? |
10 | कीट कमांडो बनकर खेती के साथ साथ रोजगार कैसे सृजित किया जा सकता है ? |
कार्यक्रम हेतु आर्थिक सहयोग
इस तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम हेतु सहयोग राशि 1500 रुपये प्रति किसान है जिसमें प्रशिक्षण रीडिंग मटेरियल ठहरने खाने चाय नाश्ता आदि की फुल व्यवस्था रहेगी।
बीस प्रतिभागियों का बैच पूरा होने पर आपको एक हफ्ते पहले अग्रिम सूचना भेज कर प्रशिक्षण हेतु आमंत्रित किया जायेगा ।
सर्टिफिकेशन एवं ग्रेडेशन
कीट कमांडो कोर्स के समापन से पूर्व सभी प्रतिभागियों के अध्यन अनुभव आर समझ की परीक्षा ली जाएगी और उनकी परफॉरमेंस के आधार पर उन्हें ग्रेडस और सर्टिफिकेट्स और कलर्स प्रदान किये जायेंगे। जिनके आधार पर भविष्य में एडवांस कोर्सेज के लिए उनका चयन किया जायेगा कोर्स में भाग लेने का सर्टिफिकेट सभी प्रतिभागियों को प्रदान किया जायेगा ।
किसान संचार में संपर्क करने हेतु
Address
Office: 20-21, Hermitage Plaza, K-Area, Zirakpur, SAS Nagar Mohali
Phone
+91 9992220655
Email Address
तीन दिवसीय कीट कमांडो बेसिक कोर्स (Keet Commando Basic Course)
Keet Commando Basic Course आज देश भर में फसली कीटों के बारे में बेतहाशा डर फैला हुआ है,देश के किसी भी किसान से यदि यह पूछा जाए कि आप दस कीटों के नाम बता दो तो बड़ी मुश्किल से किसान छह या सात कीटों के नाम ही बता सकता है। जबकि एक खेत में साल
किसान प्रोड्यूसर कम्पनी (FPO) प्रबंधन प्रशिक्षण शिविर हेतु पंजीकरण
यदि आप किसान कम्पनी के सदस्य / डायरेक्टर हैं या आप किसी किसान कम्पनी का सदस्य बनने की सोच रहे हैं और आपको अभी यह नहीं पता है कि किसान कम्पनी को कैसे आगे बढ़ाया एवं चलाया जाता है तो आप किसान अकादमी द्वारा विशेष रूप से बनाये गए तीन दिवसीय किसान प्रोड्यूसर कम्पनी (FPO)
Student Film Festival 20 February 2023
जिला रोहतक के सांपला टाउन से कुलताना रोड पर रोहतक झज्जर की सीमा पर बहराना पिंड में स्थित है स्वामी नितानंद ग्लोबल रेजिडेंशियल स्कूल जहां बीस फरवरी दिन सोमवार को स्टूडेंट फिल्म फेस्टिवल (Student Film Festival) का आयोजन किया गया जहां छात्र छात्राओं द्वारा बनाई गई फसल अवशेष प्रबंध विषय पर फिल्में प्रदर्शित की गई।
मोरिंगा, चन्दन, ड्रैगन फ्रूट और कार्डिसेप्स मिलीटारिस की खेती पर दो दिवसीय प्रशिक्षण शिविर
हरियाणा और पंजाब के किसानों के लिए मोरिंगा, चन्दन, ड्रैगन फ्रूट और कार्डिसेप्स मिलीटारिस (औषधीय मशरूम) की खेती पर दो दिवसीय प्रशिक्षण शिविर हेतु इच्छुक किसानों का चयन हेतु आवेदन https://forms.gle/34CvmENb7K1qaP4t9
किसान संचार संस्था के बारे में
किसान संचार संस्था का गठन भारतीय कम्पनी अधिनियम 1956 के तहत 15 मार्च 2012 को हुआ है I किसान संचार ने अपने गठन के पश्चात सन 2012 से 31 मार्च 2022 तक कुल बीस लाख किसानों को अपनी सेवाओं के माध्यम से जोड़ा और लाभान्वित किया हैI किसान संचार ने भारतीय मौसम विज्ञान विभाग नई