तीन दिवसीय कीट कमांडो बेसिक कोर्स (Keet Commando Basic Course)

Keet Commando Basic Course

आज देश भर में फसली कीटों के बारे में बेतहाशा डर फैला हुआ है,देश के किसी भी किसान से यदि यह पूछा जाए कि आप दस कीटों के नाम बता दो तो बड़ी मुश्किल से किसान छह या सात कीटों के नाम ही बता सकता है। जबकि एक खेत में साल भर में लगभग 150 किस्म के कीटों का आना जाना होता है। किसान को कीटों की पहचान ना होने की वजह से ही उसे कीटों से डर लगता है और वो कभी भी आत्मविश्वास से अपने फैंसले नहीं ले पाता है।

हरियाणा के लाल स्वर्गीय डॉ सुरेन्द्र दलाल जी ने अपने जीवन में अपनी लग्न से कीटों का अध्यन करना शुरू किया तो वे एक लम्बे शोध के बाद इस  निष्कर्ष पर पहुंचे कि पौधों और कीटों में गहरा सम्बन्ध है। कीटों के बिना पौधों का अस्तित्व ही संभव नहीं है। प्रकृति ने कीटों को कीटों की मदद से ही काबू किया हुआ है हम अपनी अज्ञानतावश ही  पौधों और कीटों के मध्य चल रही गतिविधियों को डिस्टर्ब करते हैं जिसकी वजह से आज खेती को जहर के भरोसे भी डर डर के करना पड़ रहा है।    

डॉ सुरेन्द्र दलाल जी ने जींद जिले के निडाना, इग्राह और अन्य कुछ गाँवों में किसानों के साथ मिलकर एक कीट साक्षरता कार्यक्रम चलाया जिससे कीटों के बारे में एक जागरूकता बनी और किसानों को कीटों से डर लगना बंद हो गया। 19 मई 2013 को डॉ सुरेन्द्र दलाल जी के असमय निधन से इस शोध कार्यक्रम को बहुत आघात पहुंचा और उनके कई शिष्य इस कार्यक्रम को अपने अपने संसाधनों से आगे बढ़ा रहे है।

3 Days – Keet Commando Basic Course

इग्राह जींद हरियाणा निवासी किसानाचार्य मनबीर रेढू जी, जो डॉ सुरेन्द्र दलाल जी के सानिध्य में  किसान शोधार्थी की भूमिका में काम करते रहे हैं, की अगुवाई और मार्गदर्शन में डॉ सुरेन्द्र दलाल जी के स्वपन कीट कमांडो तैयार करने के उद्देश्य से किसान अकादमी जीरकपुर मोहाली ने तीन दिवसीय रेजिडेंशियल कीट कमांडो कोर्स के लिए पंजीकरण की शुरुआत की है। इस कोर्स के तहत प्रतिभागियों के मन में से कीटों का डर सदा के लिए निकल जाएगा और वे अपने इस अर्जित ज्ञान के उपयोग से अपनी खेती के कार्य को ज्यादा आत्मविश्वास से कर पाएंगे और निश्चित तौर पर बाहरी संसाधनों पर उनकी निर्भरता घटने से खेती में आर्थिक लाभ होगा।

इस कोर्स की विषयवस्तु एवं रूप रेखा इस प्रकार है :

क्रमांक विषय  
1पौधों और कीटों में गहरे सम्बन्ध की सीधी सच्ची और साफ़ समझ।
2कीटों की पहचान और उनके आपसी व्यहार तालमेल की समझ।
3ईको सिस्टम सर्विसेज क्या होती है और इनका खेती में उपयोग कैसे किया जा सकता है ?
4कीटों के नियंत्रण हेतु ईको सिस्टम सर्विसेज का सदुपयोग कैसे किया जाए?
5कीटों के हैबिटैट (निवास स्थान), आदतों , तौरतरीकों और अनुशासन की समझ ।
6कीट ज्ञान से जहर मुक्त अन्न फल सब्जी की मार्केटिंग करके अपने आप को समाज में  कैसे प्रतिष्ठा से स्थापित किया जाए?
7कीट ज्ञान में शोध के नए विषय क्या हैं और शोध को कैसे जारी रखा जाये ?
8खेती किसानी में हनी बी नेटवर्क ज्ञान तंत्र का निर्माण कैसे किया जाए और उससे कैसे जुडा जाए और परम्परागत ज्ञान का उपयोग करके आर्थिक संसाधनों का निर्माण कैसे किया जाए ?
9कीट कमांडो के कर्तव्यों की समझ और इस दायित्व का निर्वहन कैसे किया जाए ?
10कीट कमांडो बनकर खेती के साथ साथ रोजगार कैसे सृजित किया जा सकता है ?

कार्यक्रम हेतु आर्थिक सहयोग

इस तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम हेतु सहयोग राशि 1500 रुपये प्रति किसान है जिसमें प्रशिक्षण रीडिंग मटेरियल ठहरने खाने चाय नाश्ता आदि की फुल व्यवस्था रहेगी।

बीस प्रतिभागियों का बैच पूरा होने पर आपको एक हफ्ते पहले अग्रिम सूचना भेज कर प्रशिक्षण हेतु आमंत्रित किया जायेगा ।

सर्टिफिकेशन एवं ग्रेडेशन

कीट कमांडो कोर्स के समापन से पूर्व सभी प्रतिभागियों के अध्यन अनुभव आर समझ की परीक्षा ली जाएगी और उनकी परफॉरमेंस के आधार पर उन्हें ग्रेडस और सर्टिफिकेट्स और कलर्स प्रदान किये जायेंगे। जिनके आधार पर  भविष्य में एडवांस कोर्सेज के लिए उनका चयन किया जायेगा कोर्स में भाग लेने का सर्टिफिकेट सभी प्रतिभागियों को प्रदान किया जायेगा ।

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